जब तक जिंदा हैं, परेशानियां तो रहेंगी ही। हो सकता है कि, आपकी जिंदगी में भी, कुछ दिक्कतें चल रही हों। लेकिन क्या वास्तव में, वो परेशानी, उतनी बड़ी है भी, जितना आप सोच रहे हैं? कहीं ऐसा तो नहीं कि, प्रोबलम छोटी सी है और आपको पहाड़ जितनी बड़ी लग रही है। आज की हमारी कहानी, आपके नजरिए को हमेशा के लिए बदल देगी। चलिए! शुरू करते हैं। अभी डिनर नहीं बना, और सब आते ही होंगे। यह सब, बड़बड़ाते हुए एक औरत, डायनिंग टेबल पर पड़े कुछ सामान को समेट रही थी। एक 10 साल का बच्चा, उसके पास खड़ा था और उसे कुछ पूछ रहा था। वो बार-बार, कुछ न कुछ पूछकर, उसे तंग कर रहा था। बच्चे की इस हरकत से, वो परेशान हो रही थी।
उसने सोचा, क्यों ना बच्चे को, कोई ऐसा काम दे दूं, जिसमें वो घंटों उलझा रहे। उतने में मेरा काम भी, खत्म हो जाएगा। उसने एक पुरानी किताब उठाई, जिसके एक पन्ने पर, दुनिया का, मैप बना हुआ था। उसने किताब का वो पेज फाड़ा और फिर उस पेज को, कई छोटे-छोटे टुकड़ों में काट दिया। और बच्चे को बोला कि “इस पेज पर दुनिया का मैप बना हुआ है, तुम्हारा काम, इन टुकड़ों को जोड़कर, फिर से वर्ल्ड मैप तैयार करना है। जाओ, अब तभी वापस आना, जब यह काम हो जाए। बच्चा वो टुकड़े लेकर चला गया। इधर मां ने चैन की सांस ली, कि अब वो, आराम से, काम कर पाएगी। लेकिन 5 मिनट के अंदर ही, बच्चा वापस आ गया और बोला- मां, देखो मैंने वर्ल्ड मैप बना लिया”
मां ने चेक किया, तो पाया कि मैप बिल्कुल सही जुड़ा था। वो हैरत में पड़ गई। “ये तुमने, इतनी जल्दी कैसे कर लिया?” बच्चे ने जवाब दिया- यह तो बहुत आसान था। आपने जिस पेज के टुकड़े मुझे दिए थे, उसके एक साइड पर वर्ल्ड मैप बना था, और दूसरी तरफ टॉम एंड जेरी बना था। मैंने तो, सिर्फ कार्टून को जोड़ा और मैप, अपने आप तैयार हो गया। मां, बस बच्चे को देखती रह गई। अक्सर, हम बड़ी परेशानियों को देखकर पहले ही डर जाते हैं। और मान लेते हैं कि उनका, कोई समाधान नहीं निकल सकता। इस बच्चे ने भी, अगर मैप पर फोकस किया होता, तो उसे कभी नहीं बना पाता। इसलिए, सबसे पहले अपनी परेशानियों को समझें, उन्हें एनालाइज करें और फिर समाधान निकालें, कि क्या किया जा सकता है। एक नहीं, तो दूसरा, और नहीं तो तीसरा, सोल्यूशन, आपके काम, जरूर आ जाएगा।