एक सुबह, जैसे ही मिस्टर त्रिपाठी आफिस पहुंचे, उन्होंने देखा कि कर्मचारियों में ग्रुप डिस्कशन चल रही है। मुद्दा था- दुनिया में सबसे शक्तिशाली चीज आखिर क्या है। मिस्टर त्रिपाठी ने, सभी कर्मचारियों को डांट दिया, और कहा- क्या फालतू सवाल पूछ कर समय बर्बाद कर रहे हो। सब लोग उदास मन से वापस अपने-अपने काम पर लग गए। शाम को चाय के वक्त, कैफे में सब लोग एकसाथ बैठे थे। मिस्टर त्रिपाठी ने सभी के काम की तारीफ की। अपनी प्रशंसा सुनकर, सभी खुश हो गए, लेकिन उन सभी को, मिस्टर त्रिपाठी का ये बर्ताव अजीब लगा। सब ये सोच रहे थे कि सुबह एक मामूली सवाल पर डांट दिया और अब प्रशंसा कर रहे हैं।
इस पर मिस्टर त्रिपाठी ने कहा- मैंने थोड़ा गुस्सा किया, तो आप लोग बुरा मान गए। लेकिन जब मैंने आपकी प्रसंशा की, तो आप सब खुश हो गए। मतलब दुनिया की सबसे शक्तिशाली चीज- हमारी बोली है।