आज ‘‘इंटरनेशनल we are Not broken day’’ सेलिब्रेट किया जा रहा है! मतलब हमें, टूटना और बिखरना गवारा नहीं है! अब जिंदगी और लोगों से लड़ते-लड़ते मैं, बहुत थक गया हूं, हार चुका हूं, और अंदर से बिखर रहा हूं? क्या आप भी ऐसा महसूस कर रहे हैं? एक बात बताइए, आप किसकी तरह बनना चाहते हैंः एक सेब, अंडा या फिर कॉफी बीन्स के जैसे? सवाल अजीब है, लेकिन इसका जवाब आपके ब्रोकन हार्ट की थेरेपी है, जिसे जानने के लिए वीडियो के अंत तक बने रहें! आज, के ही दिन, साल 1929 को कार्टून कैरेक्टर Popeye sailor मैन का जन्म हुआ था! क्या बचपन में आपकी मम्मी ने भी आपको यह कार्टून दिखाकर खूब पालक खिलाया है, यह बोलकर कि आप भी पोपेय जितने स्ट्रांग हो जाएंगे? A-आज 17 जनवरी को, हम ‘‘इंटरनेशनल वी आर नॉट ब्रोकन डे’’ मना रहे हैं। इस दिन का उद्देश्य लोगों को अवेयर करना और जिन लोगों की फिजिकल, मेंटल और इमोशनल ट्रॉमा की कोई हिस्ट्री रही है, उनके बारे में समाज की मानसिकता को बदलना है! साल 2019 में पहली बार, इंटरनेशनल वी आर नॉट ब्रोकन डे मनाया गया था। हालांकि यह दिन, 1873 में ब्रिटिश मनोवैज्ञानिक मायर्स के जन्म से जुड़ा है, जिन्होंने पहली बार फिजिकल और मेंटल trauma से पीड़ित लोगों का इलाज किया था! जाहिर सी बात है, जब हम किसी भी चीज के साथ पूरे दिल और दिमाग से जुड़ जाते हैं, चाहे वो रिश्ते हों या फिर कुछ भी, उनका नहीं मिल पाना या दूर होने का दर्द, हमसे बर्दाश्त नहीं होता! बीमारी, नौकरी खो देना, रिश्ते टूटने या किसी भी कारण पर, इससे पहले आप यह कहें कि आप टूट चुके हैं, हम आपको सिर्फ यह कहना चाहेंगे कि आप टूटे नहीं हैं, यह एक thought pattern है, जिसमें आप, सिर्फ उलझ गए हैं!
अगर कोई मेंटल स्ट्रेस या दुख आपके दिल को अंदर से तोड़ भी रहा है, तो आप अकेले नहीं हैं। इसका मतलब सिर्फ यह है कि आप कुछ बदलना चाहते है, लेकिन आपको समझ नहीं आ रहा कि यह कैसे होगा! गीता में श्री कृष्ण कहते हैं कि जब भी हिम्मत टूटे, तो एक बात हमेशा याद रखना, चाहे कोई आपके साथ हो या न हो, पर ईश्वर आपके साथ है और हमेशा रहेगा! याद रखें, अगर कोई बेल हमेशा टूटती रहेगी, तो वो कभी फल नहीं दे पाएगी। अगर आप ‘‘नर्वस ब्रेकडाउन’’ या मैंटल trauma की कगार पर हैं, तो इसे अपना ‘‘टाइम आउट’’ समझें। मतलब अब, अपने दिमाग और शरीर को शांत करने के लिए थोड़ा ब्रेक लेने की जरूरत है! ऐसी परिस्थितियों में लोग, प्रैक्टिकल और Logical तरीके से नहीं सोच पाते, इसलिए यह बाकी परिवार और समाज की जिम्मेदारी है, उनका साथ देने की! कई बार हमें लगता है कि लोग, ज्यादा दुखी होने का सिर्फ ड्रामा कर रहे हैं। हां यह अलग बात है कि जिंदगी के रंगमच पर, हर इनसान किसी कार्टून करेक्टर से कम नहीं है, लेकिन याद रखें अक्सर हर कहानी के तार, कहीं न कहीं रियल लाइफ या इमोशंज से जुड़े होते हैं!
B- कार्टून की दुनिया का फेमस करेक्टर Popeye एक अमेरिकी कार्टूनिस्ट एल्जी क्रिस्लर सेगर के दिमाग की उपज थी! हालांकि साल 1919 में, थिम्बल थिएटर कॉमिक स्ट्रिप में एक साइड कैरेक्टर के रूप में शुरुआत की थी, जो देखते ही देखते दुनिया भर में पॉपुलर हो गया, जिसकी अपनी कॉमिक सीरीज आने लगीं! और आखिरकार उन्हें अपना खुद का टेलीविजन शो मिल गया। माना जाता है कि पोपाय का फिक्शनल कैरेक्टर, सेगर की पर्सनल लाइफ का कोई रियल मेन था और वह व्यक्ति फ्रैंक ‘‘रॉकी फीगल’’ था। जो भी हो, लेकिन अब, इस प्यारे सेलर के सम्मान में, हर साल पोपाय डे मनाया जाता है, जो पालक खाकर पावरफुल हो जाता था! जिंदगी की तमाम परेशानियों के बाद भी, जब तक हम सांस ले रहे हैं, हमारे पास अभी भी एक मौका है! शुरुआत में पूछे गए सवाल का जवाब यह है कि सेब, अंडा और कॉफी बीन्स को गर्म पानी में उबालेंगे, तो आप देखेंगे कि सेब उबल कर बिल्कुल सॉफ्ट हो चुका होगा! अंडा उबलने के बाद और हार्ड हो जाएगा, और कॉफी बीन्स ने, उबलते पानी का सिर्फ कलर ही नहीं, उसकी सुगंध को ही बदल दिया! आपकी जिंदगी की परेशानियां भी इसी उबलते पानी की तरह हैं! अब आपको डिसाइड करना है, कि आप सेब की तरह कमजोर या अंडे की तरह स्ट्रांग बनना चाहते हैं, या फिर कॉफी की तरह मुश्किलों का सामना करके, जिंदगी को बदलना है!