ज्ञान, धन और विश्वास, इन सभी में, सबसे ज्यादा जरूरी क्या है? एक समय की बात है। जब ज्ञान, धन और विश्वास, काफी लंबे समय से, एकसाथ रहते आ रहे थे। लेकिन एक दिन आया, जब किसी वजह से, तीनों को अलग होना पड़ा। तीनों, एक-दूसरे को अंतिम विदाई देने के लिए खड़े थे। तब विश्वास ने कहा, कि अगर हमें मिलना होगा, तो दोबारा, कहां मिलेंगे।
ज्ञान बोला- मैं मंदिर, मस्जिद से लेकर सभी, पूजाघरों और विद्यालयों में मिलूंगा। मुझसे मिलना होगा, तो वहां आ जाना। धन बोला: मैं, अमीरों की तिजोरी में मिलूगा। वहां आओगे, तो मुझसे मुलाकात हो जाएगी। विश्वास चुप रहा और कुछ देर बाद, रोते हुए बोला- ज्ञान तुम मंदिर, मस्जिद और विद्यालय में मिल जाओगे। धन, तुम पैसे वालों के घर में मिल जाओगे।
लेकिन मैं, एक बार, किसी के पास से चला गया, किसी से दूर हो गया, तो वापस कभी नहीं मिलूंगा। हम पर, जब भी कोई भरोसा करता है, तो उसके पीछे बहुत उम्मीद, फीलिंग्ज और इमोशन होते हैं। टूटे हुए विश्वास के धागे को, दोबारा जोड़ भी लिया जाए, तब भी उसमें वो गांठ हमेशा रह जाएगी।