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संगति का असर This Post Design By The Revolution Deshbhakt Hindustani

संगति का असर

एक दिन, मिसेज त्रिपाठी मार्केट गईं। कंचन भी उनके साथ थी। मार्केट में, कंचन को उसके दोस्त मिल गए। मिसेज त्रिपाठी ने कंचन को कहा- मैं, सामान खरीद लेती हूं, उतनी देर, तुम उनसे बात कर लो। कुछ देर बाद, उनकी शॉपिंग हो गई, और वापिस आईं। और कंचन को साथ लेकर, घर की ओर चल दीं। घर पहुंच कर उन्होंने कंचन को कहा- दोस्तों का चुनाव सोच समझ कर करना चाहिए। कंचन समझ गई थी कि मम्मी को दोस्तों का, सिगरेट पीना पसंद नहीं आया।

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वो आगे कहती हैं- एक बार एक राजा शिकार करने गया। अभी कुछ ही दूर गए थे कि उन्हें कुछ डाकुओं के छिपने की जगह दिखाई दी। तभी पेड़ पर बैठा तोता बोल पड़ा – इनके पास बहुत सारा सामान है, जल्दी आओ, इन्हें लूट लो। तोते की आवाज सुनकर सभी डाकू राजा की और दौड़ पड़े। लेकिन, किसी तरह राजा और उसके सैनिक बच निकले। और भागते-भागते, एक कुटिया के पास पहुंच गए। दोबारा एक तोते की आवाज सुनाई दी। वो कहता है- आओ राजन, आपका स्वागत है। ये देखकर, राजा बहुत हैरान हुआ। कुटिया से साधु बाहर आए, तो उन्हें अपनी सारी कहानी सुनाई। और पूछा, “ऋषिवर, ये दोनो पक्षी एक प्रजाति के हैं, लेकिन दोनों का व्यवहार इतना अलग क्यों”। संत ने कहा- कुछ नहीं राजन, बस संगत का असर है।