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जाने टाइम मैनेज करने का बेहतरीन तरीका This Post Design By The Revolution Deshbhakt Hindustani

जाने टाइम मैनेज करने का बेहतरीन तरीका

क्या आप यह बता सकते हैं कि आपने आखिरी बार कब आराम की सांस ली थी, बच्चों के साथ मौज-मस्ती की थी, या परिवार व अच्छे दोस्तों के साथ टाइम बिताया था? क्या दुनिया के साथ भागने की आपकी यह रफ्तार, आपको उन लोगों के साथ कनेक्ट होने से रोकती है, जो वास्तव में आपके लिए मायने रखते हैं? अगर हां, तो आइए, आज एक कहानी सुनते हैं। आराम से बैठिए और, तैयार हो जाइए, क्योंकि यह आपको कुछ नया सीखने के लिए प्रेरित करने वाली है। चलिए शुरू करते हैं! एक बार, एक प्रोफेसर, हर रोज की तरह क्लास में गए। साइंस की लैब थी, तो वहां कई बीकर, सेफ्टी ग्लास, क्रिस्टल और कई प्रकार के पत्थर रखे हुए थे। क्लास में काफी बच्चे प्रेजेंट थे, लेकिन कुछेक उन्हें अबसेंट दिखे। जब कक्षा शुरू हुई, तो उन्होंने बिना एक भी शब्द बोले, वहां रखा एक बड़ा खाली जार उठाया और उसे ठीक ऊपर तक चट्टानों से भर दिया। उन चट्टानों का व्यास लगभग 2 इंच था। जार को भरने के बाद, उन्होंने छात्रों से पूछा कि क्या जार भर गया है। तो बच्चों ने जल्दी से हां में जवाब दिया। यह देखकर, प्रोफेसर ने फिर छोटे-छोटे कंकड़ का एक डिब्बा उठाया और उन कंकड़ों को, उसी चट्टानों से भरे जार में डाल दिया। उन्होंने जार को हलके से हिलाया। और ऐसा करते ही, वो छोटे-छोटे कंकड़, जार में चट्टानों के बीच खुद ब खुद एडजस्ट हो गए। छात्र हँसे। प्रोफेसर ने अपने छात्रों से एक बार फिर पूछा कि क्या जार भर गया है। इस बार, विद्यार्थी बिलकुल sure थे और उन्होंने कहा कि, हाँ, अब यह जार भर चुका है।

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छात्रों को लगा कि इस बार, वो बिलकुल सही हैं, और देखते ही देखते, प्रोफेसर ने एक रेत का एक डिब्बा उठाया और उसे उठाकर उसी जार में उड़ेल दिया। बेशक, उस जार में जो बचा हुआ स्पेस था, रेत ने उसे भर दिया है। अब प्रोफेसर ने अपनी चुप्पी तोड़ी और छात्रों को कहा - ठीक ऐसा ही, हम सबका जीवन है। और मैं, सिर्फ यह चाहता हूं कि आप इस तथ्य को पहचानें। अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि इस जार में हर चीज की अपनी अहमियत और जगह थी। चट्टानें बहुत अहम हैं, ठीक वैसे ही हमारे लिए हमारा परिवार, जीवन साथी और हमारा स्वास्थ्य है। और ये सब आपके लिए इतना महत्वपूर्ण है कि अगर आप इनसे कट जाते हैं, यानी इनसे अलगाव रखते हैं, तो आप लगभग नष्ट हो जाएंगे। इसके बाद, कंकड़ों की बात करें, तो ये आपकी जिंदगी की वो चीजें हैं, जो छोटे पैमाने पर मायने रखती हैं। कंकड़ों को आप, अपनी नौकरी, घर या कार जैसी चीजों का प्रतीक मान सकते हैं। और बाकी बची हुई चीजों और कार्यों को रेत से सिंबलाइज किया जा सकता है। मान लीजिए “यदि आप जार में सबसे पहले रेत डाल देते, तो क्या कंकड़ और चट्टानों के लिए कोई जगह बचती। बिलकुल नहीं।

आपकी जिंदगी, इस जार की तरह है, इसलिए आपको निर्णय लेना है कि पहले इसमें किसे प्राथमिकता देनी है, चट्टान समान परिवार को, कंकड़ समान दूसरी जरूरी चीजों को या फिर रेत को। यदि आप अपनी सारी ऊर्जा और समय, छोटी-छोटी चीजों और भौतिक चीजों पर खर्च करते हैं, तो आपके पास उन चीजों के लिए कभी जगह नहीं होगी, जो वास्तव में आपकी जिंदगी में मायने रखती हैं। इसलिए अपनी जिंदगी की महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान दें और उन्हें समय दें। अंत में प्रोफेसर ने कहा कि आपके जीवन का हर पहलू, आपके आस-पास के लोगों को प्रभावित करता है, इनमें वो लोग भी शामिल हैं, जिनसे आप बहुत प्रेम करते हैं। आपके पास हर चीज के लिए समय हो सकता है, आपको सिर्फ यह ध्यान में रखना है कि पहले क्या करना है, और किसे प्राथमिकता देनी है। लोग अक्सर, कुछ अच्छी चीज़ें ख़रीदने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं: एक बड़ा घर, एक अच्छी कार, और बैंक में पैसा। ये सब चीज़ें क़ीमती हैं; हम अपने परिवार और खुद के लिए एक आरामदायक जीवन की कामना करते हैं। लेकिन इस दौड़ में कहीं गुम हो जाता है- परिवार, अपना स्वास्थ्य और मन की शांति। इसलिए अपनी जिंदगी, अपनों और समय की अहमियत समझना बहुत जरूरी है। उदाहरण के लिए, आपको पैसे कमाने के लिए काम करने की जरूरत है। लेकिन किसी ने नहीं कहा कि- आपको अपनी पर्सनल लाइफ और अपनों को नजरअंदाज कर, आधी रात को मेहनत करनी होगी, ताकि आप कुछ और रुपए कमा सकें!