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World War Orphans Day This Post Design By The Revolution Deshbhakt Hindustani

World War Orphans Day

आज, युद्ध की वजह से, अनाथ हुए बच्चों के लिए पूरी दुनिया में ''अनाथ दिवस'' मनाया जा रहा है। बचपन में जब कभी, अगर मां, घर में नहीं दिखती, तो शायद आपने भी, पूरा घर, अपने सिर पर उठाया होगा। दिनभर काम के बाद, शाम को, पिता के घर लौटने पर, लपक के, उनकी गोदी में बैठ जाना, शायद आपको भी याद हो। लेकिन, पूरी दुनिया में कुछ बच्चे, ऐसे हैं, जिनके सिर पर, ममता और लाड-प्यार की ये छांव, नहीं है। यूनिसेफ के अनुसार, दुनिया भर में 140 मिलियन से ज्यादा बच्चे अनाथ हैं। सड़कों पर, लैंडफिल और सीवर सिस्टम में रहने वाले बच्चे, तो शायद इस गिनती में भी नहीं होंगे। अगर भारत की बात करें, तो देश में तकरीबन 30 मिलियन अनाथ हैं! इनमें वो बच्चे भी शामिल हैं, जिनके परिवारों ने उन्हें छोड़ दिया है! आज का दिन, इसलिए भी खास है, क्योंकि आज इंडियन क्रिकेटर कपिल देव का जन्मदिन है! (A-अनाथ है कौन, एक ऐसा व्यक्ति, जिसकी देखभाल करने के लिए पिता, माता या कोई और फैलिमी मेंबर नहीं है। युद्ध की वजह से अनाथ बच्चों के लिए, वर्ल्ड वॉर ओरफन डे की शुरुआत, एक फ्रांसीसी संगठन, एस ओ एस एन फैंट्स एन डेट्रेस ने की थी! ज्यादातर अनाथ बच्चों को परिवार की केयर और प्यार नहीं मिल पाता! ऐसे लोगों के लिए अनाथालय ही, उनका घर-परिवार हैं, लेकिन देश का दुर्भाग्य है कि आज भी ज्यादातर बच्चे अपनी लाइफ की स्ट्रगल में या तो किसी भीख मांगने वाले गिरोह के हाथ लग गए हैं या फिर किसी का सहयोग या गाइडेंस नहीं होने की वजह से, फुटपाथ को ही अपना जीवन समझ चुके हैं! यह वो बच्चे हैं, जिनकी जिंदगी अकेलेपन, दुत्कार और गरीबी जैसी कई परेशानियों से भरी है, जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते! हमारा समाज, उन इंस्टीट्यूशनल होम, और कई लोगों का आभारी है, जो इंडिविजुअल लेवल पर, अनाथों की मदद करते हैं!

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युद्ध, बीमारी, गरीबी या कोई भी कारण हो, लेकिन अनाथ बच्चों की स्ट्रगलिंग लाइफ के लिए, माइक्रो फैमिली का ट्रेंड भी एक बड़ा फैक्टर है! दुर्घटनावश किसी बच्चे के पेरेंट्स न भी रहें, तो दादा-दादी और परिवार के अन्य सदस्य उन बच्चों की रिस्पांसिबिलिटी ले सकते हैं और उन्हें एक सही परवरिश और जिंदगी दे सकते हैं! आखिर किस दादा-दादी, नाना-नानी को अपने बच्चों का अंश, प्यारा नहीं होता? धर्मेंद्र की सुपरहिट मूवी- ‘‘अपने’’ का सॉंग - ‘‘अपने तो, अपने होते हैं’’, हमारे रिश्तों की अहमियत पर बहुत सूटेबल बैठता है! माता-पिता की कमी, हर्गिज पूरी नहीं की जा सकती, लेकिन एक संयुक्त परिवार उस अनाथ बच्चे के लिए वरदान की तरह है! उपहारों के अलावा, स्पॉन्सरशिप और अडॉप्शन, इन बच्चों को एक अच्छी और नॉर्मल जिंदगी देने का एक अच्छा जरिया है! इसके एक एग्जांपल के तौर पर हम, बागवान मूवी, को ले सकते हैं। इस मूवी में भी, मल्होत्रा फैमिली और एक अडॉप्टेड चाइल्ड आलोक, में एक-दूसरे के लिए फाइनांशियल और इमोशनल सपोर्ट दिखाई देता है! सिर्फ यही फिल्म नहीं, दोस्त, मिस्टर इंडिया और राजू चाचा जैसी कई फिल्में अनाथ बच्चों को लेकर बनाई गई हैं! अनाथों के लिए प्यार फैलाने और उनकी तमाम परेशानियों से लेकर, उनके मनोभावों को समाज के सामने लाने के लिए ये फिल्में एक अच्छा जरिया रही हैं!

B- साल 1983 का वर्ल्ड कप कौन भूल सकता है, यह मैच इसलिए भी यादगार था, क्योंकि पूर्व भारतीय क्रिकेटर कपिल देव की कप्तानी में, देश ने पहली बार, यह ट्रॉफी जीती थी! 6 जनवरी 1959 को चंडीगढ़, में जन्में पद्म श्री और पद्म भूषण कपिल देव ने नवंबर 1974 में, अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की! साल 1980 में एक उद्यमी रोमी भाटिया से शादी की! उनकी एक बेटी, अमिया देव हैं। 184 पारियों के अपने लंबे करियर में वह कभी रन आउट नहीं हुए। इसके अलावा साल 1994 में संन्यास लेने तक, सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है! आज जब, भारत के यह लीजेंडरी ऑलराउंडर, अपना 64वां जन्मदिन मना रहे हैं, तो द रेवोल्यूशन- देशभक्त हिंदुस्तानी, वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाले, सबसे यंग कैप्टन को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं देता है! पूरा देश, आपके लिए ढेर सारी खुशियां और प्यार की कामना करता है! अनाथ लोगों का बचपन, ही चुनौतियों और संघर्ष से शुरू होता है! जिंदा रहने की जदोजहद और कुछ पाने की ख्वाहिश, उन्हें बचपन में ही मैच्योर बना देती है। द रेवोल्यूशन- देशभक्त हिंदुस्तानी की ओर से, मैं, महात्मा गांधी जी के विचार को दोहराना चाहूंगा ‘‘कि यदि हम स्थायी शांति लाना चाहते हैं, तो हमें इसकी शुरुआत, बच्चों से करनी होगी।’’