Vipassana meditation, भारत की 2500 साल पुरानी ध्यान पद्धति है, जो वर्तमान में पूरी दुनिया में एक ट्रेडिशन बन गई है। आज दुनियाभर में खुले, Vipassana सेंटर, बिजनेस का भी अच्छा जरिया बन चुके हैं। इतना ही नहीं, लोग घंटो ऑनलाइन सेशन अटेंड कर विपसना मेडिटेशन का फायदा उठा रहे हैं। क्या सच में Vipassana लोगों की जिंदगी बदल रही है, जो ध्यान का यह प्राचीन मॉडल, वर्तमान में वर्ल्ड ट्रेड बन गया है। आइए जानते हैं- Vipassana का इतिहास, बुद्धिज्म से इसका कनेक्शन और क्यों लोग इसकी तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। मेडिटेशन यानी ध्यान। ध्यान एक संस्कृत शब्द है, जो 2 शब्दों से मिलकर बना है। "धी" यानी कोई पात्र या मन और "यान" का अर्थ है मूवमेंट या जाना। ध्यान- मन की यात्रा है। श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण जी ने साधना से, मन के नियंत्रण के महत्व को समझाया है। वेदों में भी इसका जिक्र मिलता है। और हमारे उपनिषदों में भी तपस, मन्ता, दृष्टी जैसे शब्द इस बात के साक्षी हैं कि ध्यान को उस वक्त भी बहुत अहम माना जाता था। जहां एक ओर हिमालय के पर्वतों में हमारे भगवान शिव ने कड़ी तपस्या की, वहीं भारत के कई ऋषि-मुनियों ने तपस्या और ध्यान से मोक्ष प्राप्ति की है।
Vipassana मेडिटेशन भारत की सबसे पुरानी ध्यान तकनीकों में से एक है। हां यह अलग बात है कि हजारों साल पहले भगवान बुद्ध ने इसी ध्यान विधि के जरिए बुद्धत्व हासिल किया था। Vipassana का मतलब है- अपने भीतर देखना। साफ शब्दों में कहें तो यह आत्म-निरीक्षण की कला है। बुद्ध ने भी Vipassana मेडिटेशन से ज्ञान पाया और अपने 60 शिष्यों को पूरे भारत में इसके प्रचार के लिए भेज दिया। और इस तरह Vipassana पूरे भारत में फैल गई। जब खून खराबे को देखकर सम्राट अशोक ने युद्ध न करने का फैसला किया, तब उन्होंने भी मन की शुद्धि और शांति के लिए Vipassana ध्यान साधना को अपनाया था। Vipassana मेडिटेशन के अलावा, ध्यान के कई प्रकार हैं, जैसे Spiritual, Chakra, Mantra और Yoga meditation आदि। हजारों सालों से दुनिया भर की संस्कृतियां और समुदाय, ध्यान का अभ्यास करते आए हैं, और आज भी तनाव कम करने, मन को शांत करने, आत्म-जागरूकता, के अलावा डिप्रेशन, उच्च रक्तचाप और अनिद्रा जैसी कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने में मेडिटेशन बहुत मददगार है।
Vipassana, का मतलब है- "चीजों को वैसा ही देखना, जैसी वो वास्तव में हैं। एक स्पष्ट और शांत मनोस्थिति को पाना ही Vipassana का सही अभ्यास है। इसका लक्ष्य मन की शुद्धि, करुणा, सहानुभूति और समानता जैसे मूल्यों का विकास करना है। प्राणायाम और साक्षी भाव के मिले जुले योग की कला ही Vipassana है। इस विधि में खुद की सांस को महसूस करना, यानी सांस के आवागमन को महसूस करके, वर्तमान क्षणों का एहसास करना है। Vipassana ध्यान में 5 सिद्धांत फॉलो किए जाते हैं, जिनमें जीव हिंसा की पूर्ण मनाही, चोरी ना करना, ब्रह्मचर्य का पालन, अपशब्दों का प्रयोग ना करना और नशे से दूर रहना शामिल है। वर्तमान की बात की जाए, तो दुनिया का सबसे बड़ा Vipassana मेडिटेशन सेंटर, महाराष्ट्र के इगतपुरी में Vipassana रिसर्च इंस्टीट्यूट में है, जिसे धम्म गिरि के नाम से जाना जाता है। इस सेंटर में पहली बार 1976 में लोगों को Vipassana ध्यान के सेशन करवाए गए थे और अब हर साल हजारों लोग यहां अभ्यास करने पहुंचते हैं। इसके अलावा मुंबई, जयपुर, बिहार, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु और हैदराबाद सहित पूरे भारत में कई Vipassana सेंटर हैं, जो लोगों को ऑफलाइन Vipassana ट्रेनिंग के साथ-साथ ऑनलाइन सेशन करवाकर ध्यान से जोड़ रहे हैं। भारत ने, पूरी दुनिया को योग और ध्यान का मंत्र दिया है, और भारत की ओर से, दुनिया को ये उपहार, हमारे राष्ट्र को निर्विवाद तौर पर विश्व गुरु बनाते हैं। आज भारत योग और ध्यान के लिए विश्व का नेतृत्व कर रहा है। हमारे वेदों में भी कहा गया है कि ध्यान और साधना के जरिए काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार को नियंत्रित किया जा सकता है। द रेवोल्यूशन- देशभक्त हिंदुस्तानी की ओर से मैं, सिर्फ यही कहना चाहूंगी कि ध्यान और तपस्या के लिए अपना घर-परिवार त्यागना अंतिम रास्ता नहीं है। इसका जीवंत उदाहरण भगवान शिव हैं, जिन्होंने गृहस्थ जीवन में रहते हुए भी कड़ी तपस्या की। ध्यान के लिए जंगलों या पहाड़ों में जाना जरूरी नहीं है, इसके लिए मन का एकांत जरूरी है और घंटों ध्यान में बैठने की भी जरूरत नहीं, कुछ पलों की साधना भी ज्ञान और जीवन का सही सार समझा सकती है।