शाम का समय था। आनंद, खेलकर वापस घर लौट आया। अपने कमरे में गया। अचानक, उसकी नजर, खिड़की से बाहर, एक छोटे से सुंदर पंछी पर गई। उसने ऐसा रंग-बिरंगा पंछी पहले कभी नहीं देखा था, इसलिए उसे एकटक देखता रहा। वो पंछी, एक शाखा से दूसरी शाखा पर कूदता। मानों बहुत खुश हो, एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर जाता। आनंद भी उसे देखकर बहुत खुश था। लेकिन अचानक तेज तूफान चलने लगा। इतनी आंधी आई, कि पेड़ की शाखाएं टूट कर नीचे गिरने लगीं। इतने में आनंद की
मम्मी, उस कमरे में आती हैं- और उस खिड़की को बंद करने लगी। तभी, आनंद ने उन्हें रोकते हुए कहा- मम्मी, वो देखो, उस छोटे से पंछी को। बाहर इतना, तूफान चल रहा है, पेड़ की शाखाएं टूट रही हैं, उसे चोट लग जाएगी, वो मर जाएगा। तब उसकी मम्मी ने कहा- नहीं, ऐसा नहीं होगा। उसे अपने पंखों पर, विश्वास है, वरना अब तक वो किसी सुरक्षित जगह जा चुका होता। उसे देखो, वो तूफान में भी खुश है, एक डाल से दूसरे डाली पर कूद रहा है। उसे पता है कि वो तूफान से खुद को बचा लेगा। ये पंख, उसकी शक्ति हैं और उसे इनपर पूरा भरोसा है। जिंदगी में, कोई परेशानी आए, तो अपनी ताकत पर भरोसा करें। मुश्किलों में ही हमारा सर्वश्रेष्ठ बाहर आता है। याद रखें, पतंग हमेशा हवा के विपरीत उड़ती है।