कंचन, नाश्ता करके जाना। मिसेज त्रिपाठी, कंचन को आवाजें लगा रही थीं, लेकिन कंचन, बहुत जल्दबाजी में थी। अभी घर से बाहर, निकलने ही वाली थी, कि तेज बारिश शुरू हो गई। ये देखकर, मिसेज त्रिपाठी, गर्मागर्म चाय और स्नैक्स लेकर आती हैं। नाश्ता करते हुए, कंचन कहती है ये प्रोबलम ही है, जो हमें आगे बढ़ने से रोकती हैं। अब देखो, आज मुझे इतना जरूरी काम था, लेकिन बारिश। बस इतना कह के, रुक गई। तब मिसेज त्रिपाठी ने कहा- मैं, तुम्हें एक कहानी सुनाती हूं। तुम्हारा नजरिया बदल जाएगा। "एक आदमी के पास, एक गधा था, उसकी रोजी-रोटी का एकलौता सहारा। एक दिन, वो गहरे गढ्ढे में गिर जाता है। वो आदमी, उसे बाहर निकालने के लिए, जी-जान लगा देता है, लेकिन नहीं निकाल पाता। सोचता है कि भूखा-प्यासा ये अंदर ही मर जाएगा, इससे बेहतर है कि मैं, इसे जिंदा दफना देता हूं।
वो ऊपर से, गधे पर मिट्टी डालना शुरू करता है। जैसे-जैसे गधे पर, मिट्टी पड़ती है, उसे भारी लगती और वो खुद को हिलाकर, मिट्टी झाड़ देता। काफी देर तक, ऐसा ही चलता रहा। आदमी मिट्टी डालता और गधा उस मिट्टी को झटक कर, उस मिट्टी पर खड़ा हो जाता। उस पर जितनी मिट्टी डाली गई, वो उतना ही ऊपर उठता गया और अंत में, गढ्ढे से बाहर आ गया। वो दोनों, बहुत खुश हुए। हम अपनी मुश्किलों से डरते हैं, उनसे भागते हैं। कोई भी प्रोबलम हो, हमेशा उसके साथ जीने का चुनाव करें। हर बुरा अनुभव, एक नई सीख दे कर जाता है।