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Statehood Day of Manipur, Meghalaya and Tripura This Post Design By The Revolution Deshbhakt Hindustani

Statehood Day of Manipur, Meghalaya and Tripura

साल 1971-1972 को भारत के इतिहास में सिर्फ भारत-पाकिस्तान की जंग में हमारी जीत के लिए याद किया जाता है। लेकिन इस जंग के तुंरत बाद, भारत में एक और घटना हुई थी, जब भारत के 3 और राज्य बन गए। पूर्वोत्तर क्षेत्र अधिनियम के तहत मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा को 21 जनवरी 1972 को अलग राज्य का दर्जा दिया गया था। और इसी याद में, आज ये तीनों राज्य अपना स्टेटहुड डे सेलिब्रेट कर रहे हैं। 15 अगस्त 1947 से पहले, जो राज्य भारत से सटे थे, उनमें से ज्यादातर राज्यों के शासकों ने 'इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन' नामक एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत वो भारतीय संघ का हिस्सा बन गए। A-आजादी के कुछ दिन पहले, मणिपुर के महाराजा बोधचंद्र सिंह ने भारत सरकार के साथ, इसलिए हाथ मिलाया कि मणिपुर की आंतरिक स्वायत्तता को बनाए रखा जाएगा। जनमत का बहुत दबाव था, इसलिए महाराजा ने जून 1948 में मणिपुर में चुनाव कराया और तब यह राज्य, constitutional monarchy बन गया। यही नहीं, यह भारत का पहला हिस्सा बना, जहां सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर चुनाव हुआ था। हालांकि भारत सरकार सितंबर 1949 में, महाराजा पर दबाव बनाने में सफल रही, जिसके बाद उन्होंने विलय समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए।

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कई राजाओं ने मणिपुर पर शासन किया, जिसकी वजह से मणिपुर 19वीं सदी की शुरुआत तक आजाद रहा था। उसके बाद बर्मा ने यहां पर कब्जा कर लिया और सात सालों तक शासन किया। 1891 में मणिपुर ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया और जब भारत स्वतंत्र हुआ, तब इसे भी आजादी मिली। मणिपुर की राजधानी इम्फाल है। यह राज्य म्यांमार, नगालैंड, असम और मिजोरम से घिरा हुआ है। मणिपुर के उखरूल जिले में सिरोई पर्वतमाला में सिरोई लिलि पाई जाती है, जिसकी खासियत यह है कि यह लिलि फलॉवर, पूरी दुनिया में सिर्फ यहीं पाया जाता है। मणिपुर की handloom industry, राज्य का सबसे बड़ा कुटीर उद्योग है। मणिपुर का मोरेह टाउन, भारत के 'गेटवे टू ईस्ट' के तौर पर काम करता है, जो भारत के साथ-साथ दूसरे दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के बीच व्यापार का रास्ता है। त्रिपुरा की बात करें, तो 15 नवंबर, 1949 को इसका भारत में विलय, हुआ, इससे पहले यह एक रियासत थी। जिसका अंतिम शासक राजा बीर बिक्रम था। उनके निधन के बाद, उनके नाबालिग पुत्र किरी बिक्रम माणिक्य ने त्रिपुरा राज्य की गद्दी संभाली, लेकिन वह नाबालिग होने के कारण शासन नहीं कर सके। इसलिए उनकी विधवा रानी कंचन प्रभा ने त्रिपुरा का कार्यभार संभाला। नॉर्थ ईस्ट के भारतीय राज्य त्रिपुरा की सीमाएं मिजोरम, असम तथा बांग्लादेश से लगती हैं। इसकी राजधानी है अगरतला। इसके कुल सीमा क्षेत्र का 84 प्रतिशत, यानी 856 किलोमीटर एरिया इंटरनेशनल बाउंड्री है। यह राज्य राष्ट्रीय राजमार्ग-44 के माध्यम से पूरे देश से जुड़ा हआ है। क्षेत्रवार देखने पर त्रिपुरा देश का दूसरा सबसे छोटा राज्य है, लेकिन जनसंख्या के मामले में यह पूर्वोत्तर का दूसरा बड़ा राज्य है। इस राज्य की रुद्रसागर झील, पूर्वी भारत की एकमात्र झील है जिसमें एक महल है। इस नीरमहल का निर्माण महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर ने समर रिसॉर्ट के रूप में करवाया था।

मेघालय, भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में स्थित एक छोटा पहाड़ी राज्य है, जो 2 अप्रैल 1970 को असम राज्य के तहत एक autonomous state बना। हालांकि भारत की आजादी के साथ, गारो और खासी क्षेत्र, पहले ही स्वतंत्र भारत का हिस्सा बन चुके थे। इसकी राजधानी शिलांग है। भारत के ब्रिटिश शासन के दौरान, ब्रिटिश शाही अधिकारियों ने इसे "पूर्व का स्कॉटलैंड" नाम दिया। मेघालय के बारे में एक चौंकाने वाला तथ्य यह है कि राज्य में भूमि का स्वामित्व स्थानीय आदिवासी समुदायों के पास है न कि सरकार के पास। भारत के कई हिस्सों के विपरीत, मेघालय में पंचायत प्रणाली की अवधारणा नहीं है। यहां की जनजातियों में अभी भी, दरबार नामक शासन सिस्टम देखा जा सकता है। भारत के हर राज्य, की एक खास अहमियत है। मेघालय अपनी, किएटिविटी और उद्यमी कल्चर के फेमस है। त्रिपुरा की संस्कृति और सौहार्दपूर्ण स्वभाव, पूरे भारत का एक रिप्रेजेंटेटिव है, तो मणिपुर इनोवेशन और खेल प्रतिभा का एक पावरहाउस है। आज इन तीनों राज्यों के स्थापना दिवस पर, आइए इन सुंदर राज्यों के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, प्रगति और समृद्धि के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लें। द रेवोल्यूशन- देशभक्त हिंदुस्तानी, मेघालय, मणिपुर और त्रिपुरा के लोगों को, राज्य के स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देता है, उम्मीद करते हैं कि इन राज्यों की उल्लेखनीय प्रगति की भावना, हमेशा यूं ही बरकरार रहे।