आज, आनंद की मम्मी, गुस्से में थी। सबके लिए खाना बनाकर, परोस दिया, लेकिन बिना कुछ कहे। इतनी शांति, घर में पहले कभी नहीं थी। दोनों बच्चे, एक-दूसरे को देख रहे थे, कि, हुआ क्या है। लेकिन उनके पापा, इस चुप्पी का राज, अच्छे से जानते थे। असल में बात ये थी कि- आनंद के पापा को प्रोमोशन नहीं मिला था, जिस वजह से उनकी धर्मपत्नी गुस्से में थीं। डायनिंग टेबल की, शांति को तोड़ते हुए, उनके पापा ने कहा- एक कहानी सुनोगे। आनंद और कंचन, फटाक से बोले- हां, क्यों नहीं। उनके पापा बोले- एक बार, एक किसान का घोड़ा भाग गया। गांव के, लोगों ने दुख जताया और कहा- बहुत बुरा हुआ। लेकिन उस किसान का जवाब पता है क्या था। शायद।
अगली सुबह, किसान का घोड़ा लौट आया, और वो भी अकेले नहीं, उसके साथ 5 जंगली घोड़े थे। तब पड़ोसी आए और कहने लगे- ये तो बहुत अच्छा हुआ। किसान ने जवाब दिया- शायद। अगले दिन, किसान का बेटा, घोड़ों को काबू करने की कोशिश करते हुए, नीचे गिर जाता है और उसकी टांग टूट जाती है। शाम को पड़ोसी आते हैं और बोलते हैं कि - ये तो बहुत बुरा हुआ। किसान ने फिर कहा- शायद। 2 से 4 दिन बाद, गांव में, आर्मी ऑफिसर आए, उन्हें, कुछ लड़कों की जरूरत थी। टांग टूटने की वजह से, वो किसान के बेटे को रिजेक्ट कर देते हैं। पड़ोसी अफसोस जताते हैं। लेकिन किसान मन ही मन खुश भी था, कि उसका बेटा उससे दूर नहीं हुआ। अचानक बच्चों की नजर, मम्मी पर गई- उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान थी। असल में, हमारी जिंदगी में, जो भी होता है, वो अच्छा है या बुरा, ये बताना मुश्किल है। क्योंकि हमें नहीं पता कि आज कुछ बुरा हुआ है, तो कल उसका परिणाम क्या होगा। या फिर कुछ अच्छा हुआ है, तो उसका क्या परिणाम होगा।