साल 2019 में आज के ही दिन, जम्मू-कश्मीर की पुलवामा डिस्ट्रिक्ट में, हमारे देश के सैनिकों पर हमला हुआ। इस आतंकी हमले में, भारत ने सीआरपीएफ के 40 शूरवीर खो दिए थे। उस दर्दनाक हादसे के कारण, 14 फरवरी का प्यार भरा दिन भी, हर साल, उन परिवारों को गमगीन कर जाता है, जिन्होंने अपना अंश खो दिया। प्यार भरा दिन इसलिए, क्योंकि जैसा कि हम सब जानते हैं कि यह दिन वैलेंटाइन डे के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है। अच्छा यह बताइए, वैलेंटाइन नाम सुनते ही, आपके दिमाग में सबसे पहली चीज क्या आती है- फूलों के गुलदस्ते, दिल की शेप वाले गुब्बारे, चॉकलेट, टेडी या फिर उस शख्स का चेहरा, जिसे आप डेट करना चाहते हैं। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि यह प्यार का इजहार करने की यह परंपरा शुरू कैसे हुई? A-14 फरवरी 2019 को, सीआरपीएफ के काफिले पर जैश ए मोहम्मद के आतंकियों ने हमला कर दिया था। पुलवामा जिले में तकरीबन 350 किलो बारूद से भरी एक स्कॉर्पियो कार से सीआरपीएफ काफिले की बस को टक्कर मारी थी। यह हमला उन 44 सैनिकों के साथ-साथ, देश की अस्मिता पर सीधा हमला था। लेकिन उसके बाद जो हुआ, उसे पूरी दुनिया ने देखा। 2 हफ्तों के अंदर, 26 फरवरी की सुबह भारत ने इसका बदला लिया। भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान तड़के तीन बजे पाकिस्तानी सीमा में दाखिल हुए और बालाकोट में जैश के आतंकी ठिकानों पर बम की बरसात की। जम्मू-कश्मीर का उरी हमला भी कुछ ऐसा ही था। और न जाने, कितनी बार, देश की रक्षा में हमारे जवान शहीद होते हैं। भारत माता की जय जयकार करने वाले, इन सैनिकों से, देश के हर नागरिक को सीख लेनी चाहिए कि कैसे, अपने मजहब, अपनी जात और यहां तक कि अपनों को भूलकर, देश प्रेम निभाया जाता है। अपने आप, और अपनों का ख्याल रखना, उनसे प्रेम करना और खुद के फायदे के लिए लड़ना, बहुत आसान है, लेकिन देश के ये जांबाज सैल्यूट डिजर्व करते हैं, जो दूसरों या यूं कहें कि देश के लिए, खुद को दांव लगाते हैं।
B- वैसे तो हर दिन, अपने करीबियों को यह एहसास करवाते रहना चाहिए कि आप उनसे कितना प्यार करते हैं, लेकिन साल का दूसरा महीना, रोमांस, गिफ्ट और सरप्राइज के लिए जाना जाता है। इस दिन के इतिहास की बात करें, तो कई कहानियां इससे जुड़ी हुई हैं। एक कहानी के अनुसार, संत वेलेंटाइन एक रोमन पुजारी थे, जिन्होंने सम्राट क्लॉडियस की इच्छा के विरूद्ध, प्रेमी जोड़ों की शादियां करवाई, जिसके लिए उसे फांसी दे दी गई। और इसलिए इसे प्रेम का प्रतीक माना जाता है। कुछ का मानना है कि संत ने एक लड़की को ''योर वैलेनटाइन'' साइन किया हुआ कार्ड लिखा था। कहीं यह भी पढ़ने का मिलता है कि वैलेंटाइन नाम का कोई एक शख्स नहीं, बल्कि 3 संत थे। जो भी हो, 5वीं शताब्दी के अंत में, पोप गेलैसियस ने 14 फरवरी को सेंट वेलेंटाइन डे घोषित किया, हालांकि यह दिन तब रोमांटिक नहीं, बल्कि धार्मिक था। लेकिन इसके बारे में बहुत कम जानकारी की वजह से, साल 1969 में क्रिश्चियन लिटर्जिकल कैलेंडर से इसे हटा दिया गया था।
15वीं शताब्दी के अंत तक, "वेलेंटाइन" शब्द का इस्तेमाल कविताओं और गीतों में एक प्रेमी का वर्णन करने के लिए किया जाने लगा था। और आज यह दिन, कपल्स के लिए, रोमांटिक हफ्ते के साथ लौट कर आता है। अतीत की कहानियां जो भी हों, वेलेंटाइन डे का मतलब वास्तव में वही है- जो आप चाहते हैं। आप इस फेस्ट को पूरी तरह से जी सकते हैं, किसी और के लिए न सही, अपने लिए कुछ चॉकलेट या फूल खरीद सकते हैं, या अपने जीवन में लोगों के लिए अपने प्यार और प्रशंसा को एक्सप्रेस कर सकते हैं। चाहे वो आपके कलीग हों, रोमांटिक पार्टनर, दोस्त या परिवार के सदस्य हों। हां यह अलग बात है कि, आज वेलेंटाइन डे का मतलब- प्यार और रोमांस में उलझा हुआ है, चॉकलेट बॉक्स, रोमांटिक डिनर डेट और खासकर, सोशल मीडिया पर इमोजी भेजकर, पार्टनर को अपने इमोशंस एक्सप्रेस करते हैं। जरूर आपने भी, किसी को चोरी-चुपके एक लव कार्ड लिखकर, गिफ्ट देने का प्लान किया होगा। सेलिब्रेशन और फेस्टिवल हमेशा खुशियां लेकर आते हैं, मायने नहीं रखता कि उनकी शुरुआत, या फिर वो किसी दूसरे देश से बिलॉन्ग करते हैं। और खासकर उन लोगों के लिए, जिनके बिजी शेड्यूल की वजह से, एक फेस्टिवल ही हैं, जो उन्हें अपनों के साथ कुछ खास लम्हे और यादें दे पाते हैं। द रेवोल्यूशन देशभक्त हिंदुस्तानी, देश के बहादुर सैनिकों को सलाम करता है और उन तमाम शहीदों को दिल से श्रद्धांजलि देता है, जिन्होंने हमारे लिए, अपनी जान की फिक्र भी नहीं की। इसके अलावा, आज मनाए जा रहे, वैलेंटाइन डे को आप, किस, नजरिए से देखते हैं? आपको यह पसंद है या फिर पश्चिमी सभ्यता का होने की वजह से आप उससे नफरत करते हैं? कमेंट करके बताना न भूलें।