जीवन में सफलता के लिए, कौन से गुण ज्यादा जरूरी हैं। एक दिन, उदास सा चेहरा बनाकर, कंचन आंगन में बैठी थी। जब पिता आए, तो उनसे बोली- कॉलेज में बच्चे तंग करते हैं, पढ़ाई का बोझ और न जाने कितनी परेशानियां। क्या मैं, जिंदगी में कामयाब हो पाउंगी। उसके पिता ने उसे कहा- मेरे साथ यूनिवर्सिटी में एक बच्चा था। गरीब परिवार से था, इसलिए उसके माता-पिता ने, उसे पढ़ाने के लिए बहुत सेक्रिफाइज किए थे। और वो लड़का भी चाहता था कि उन्हें प्राउड फील करवाएगा।
हार्ड वर्क करता, देर तक पड़ाई करता। फाइनांशियल स्ट्रगल के साथ-साथ, उसने कई और चुनौतियां झेली। दूसरे बच्चे मजाक बनाते, लेकिन उसने गिव अप नहीं किया। वो जानता था कि पढ़ाई ही ब्राइट फ्यूचर की चाबी है। इसलिए वो सफल होना चाहता था, चाहे कुछ भी हो। क्लास में, कई और बच्चों को भी वही परेशानियां थीं, जो उसे हो रही थीं। इसलिए, उसने निर्णय किया कि अब वो मिलकर काम करेंगे। उन सब ने अपनी एक अलग कम्युनिटी बना ली और एक-दूसरे की समस्याओं को दूर करने के लिए मिलकर काम किया। किताबें, शेयर करते! पैसों को लेकर एक-दूसरे की मदद करते। और अंत में वो सब सफल हो गए। कंचन के पिता ने उसे कहा- कि जिंदगी में परेशानियां होंगी, लेकिन जब तक आप हार नहीं मानते, तब तक आपकी जीत निश्चित है।
यह कहानी हमें सिखाती है कि राइट माइंडसेट और कमिटमेंट से कोई भी सपना पूरा हो सकता है। परेशानी बड़ी है, तो दूसरों की मदद लें। साथ मिलकर, कोई भी काम बहुत आसान हो जाता है।