दुनिया में ग्लोबल फैमिली डे का कॉन्सेप्ट साल 1997 में शुरू हुआ, लेकिन भारत सदियों पहले ही वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश दे चुका था। भारत, की यह फिलोसोफी, पूरे संसार को एक परिवार मानती है, जो हिंदू धर्म के महा उपनिषद से ली गई है! लोगों में सद्भाव और एकता बनाए रखने के लिए, आज पूरी दुनिया, ग्लोबल फैमिली डे और कमिटमेंट डे सेलिब्रेट कर रही है! आज साल की शुरुआत का पहला दिन है, और आज Universal Hour of Peace भी मनाया जा रहा है! आज नववर्ष के आगमन के साथ, हम पूरी दुनिया को एक अहिंसक और खुशी भरा माहौल देने की आशा कर सकते हैं, क्योंकि हर कोई इसका हकदार है! A-वैश्विक परिवार दिवस का विचार 1997 में, बच्चों की एक किताब के साथ आया, जिसका टाइटल था - वन डे इन पीस! इसके टाइटल के अकॉर्डिंग, उस साल इस दिन को विश्व शांति दिवस के तौर पर सेलिब्रेट किया गया! साल 1999 में यूएन और इसके मेंबर देशों ने पहली बार ग्लोबल फैमिली डे मनाया और साल 2001 में 1 जनवरी को, वैश्विक स्तर पर यह दिन मनाया गया। वन डे इन पीस टाइटल वाली यह पुस्तक, करीब 12 भाषाओं में ट्रांसलेट की गई, ताकि दुनिया भर में रहने वाले लोग इस बुक को समझ पाएं! नए साल पर हम अपने परिवार की शांति और खुशी की कामना करते हैं और ग्लोबल फैमिली डे की सेलिब्रेशन के साथ हम, पूरी दुनिया के हर धर्म और हर देश में शांति की उम्मीद रखते हैं! हालांकि, 15 मई को इंटरनेशनल फैमिली डे भी सेलिब्रेट किया जाता है!
दुनिया में हर किसी का एक परिवार है और हमारे लिए, हमारे परिवार और उसकी खुशी से बढ़कर कुछ नहीं होता। नए साल के मौके पर आज हम सब, अपने परिवार के साथ जश्न मना रहे हैं, वहीं उसी परिवार की खुशी के लिए हम कई रेजोल्यूशन तय करेंगे। जिस तरह, पूरी दुनिया, अलग-अलग धर्मों और संस्कृतियों से बनी है, उसी तरह एक परिवार में भी अलग-अलग विचारधाराओं के लोग रहते हैं! भगवत गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है कि ‘‘मैं सभी प्राणियों को एक समान रूप से देखता हूं, मेरे लिए ना कोई कम प्रिय है ना ही ज्यादा, लेकिन जो मनुष्य मेरी प्रेमपूर्वक आराधना करते हैं, वो मेरे भीतर रहते हैं और मैं उनके जीवन में आता हूं।’’ अगर भगवान हमारे लिए कमिटेड हो सकते हैं, तो हम अपनों के लिए प्रतिबद्ध क्यों नहीं हो सकते? हम हमेशा अच्छे हैं, वो इसलिए कमिटेड नहीं है, बल्कि इसलिए हैं, क्योंकि वो हर समय हमसे प्यार करते हैं! परिवार में ’बात करना, दूसरों को सुनना, उन पर विश्वास करना, जहां सही हो, उसमें उनका समर्थन करना, एक-दूसरे का सम्मान करना और जिम्मेदारी के साथ-साथ उन्हें वक्त देना, ऐसी कई कमिटमेंट अगर खुद से की जाएं, तो यह परिवारों को और मजबूत बनाता है!
B-हर साल 1 जनवरी को मनाए जाने वाले कमिटमेंट डे, का इतिहास प्राचीन मेसोपोटामिया के दौर में विवाह के पवित्र बंधन से जुड़ा है! हालांकि पहला कमिटमेंट डे साल 1960 में मनाया गया था! आज यह दिन, अपने दिल के हर करीबी के लिए, अपने प्यार को शो करने का दिन है! यह खुद के लिए भी हो सकता है! कमिटमेंट का मतलब सिर्फ दूसरों के लिए, ली गई एक प्रतिज्ञा नहीं है, आप खुद के लिए भी, कमिटिड हो सकते हैं, अपनी इंडिविजुऐलिटी के लिए, अपने करियर के लिए या फिर एक हेल्थी लाइफ स्टाइल के लिए, जो आपकी जिंदगी में शांति लाए! C-साल 1995 में यूनिवर्सल ऑवर ऑफ पीस पहली बार अमेरिका में मनाया गया था! शांति स्थापना में भारत का कॉंट्रिब्यूशन दूसरे देशों के मुकाबले ज्यादा रहा है! यूएन के 71 peacekeeping missions में भारत ने 49 में दुनिया की सेवा की है! आज के अशांत समय में, हिंसा, गरीबी से लेकर, अन्याय और अभद्र भाषा के प्रभाव को देखते हुए, यूनाइटेड नेशन भी, महात्मा गांधी जी को शांति का प्रतीक मानता है और उनके परस्पर समझ, समानता के संदेश में विश्वास करता है! महात्मा गांधी जी ने कहा था कि ‘‘हमें मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए। मानवता एक महासागर की तरह है, अगर समुद्र की कुछ बूंदें गंदी हैं, तो समुद्र गंदा नहीं होता है।’’ अपने परिवार के सदस्य में किसी बुराई के बावजूद, हम उसकी अच्छाइयों को हमेशा आगे रखते हैं! ठीक वैसे ही, पूरी दुनिया में कुछ न कुछ पॉजिटिव और नेगेटिव जरूर है! नए साल इस शुरुआत पर, द रेवोल्यूशन-देशभक्त हिंदुस्तानी की ओर से, मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि आइए, ह्यूमैनिटी पर विश्वास, के साथ अपने परिवार और पूरे ब्रह्मांड में शांति, आपसी सौहार्द और प्रेम को बनाए रखने की कमिटमेंट करें!