जिंदगी में बार-बार असफलता मिलने पर क्या करें? एक शाम की बात है। डायनिंग टेबल पर आनंद और कंचन, अपने माता-पिता के साथ, रात का भोजन कर रहे थे। तभी अचानक, आनंद ने पिता को पूछा- क्या आपको भी जिंदगी में कभी, संघर्ष करना पड़ा। उसके पिता ने जवाब दिया- हां क्यों नहीं। और संघर्ष ही जिंदगी का दूसरा नाम है। मैं, तुम्हें एक कहानी सुनाता हूं, जो मुझे, मेरी मां, यानी तुम्हारी दादी ने सुनाई थी।
उनकी एक सहेली थी। उसने बचपन में ही अपने माता, पिता और दादी को खो दिया था। उसे लिखना बहुत पसंद था। जब वो 15 साल की हुई, तो एक अखबार कंपनी में काम करने लगी। वहां अपने सहकर्मी से शादी कर ली। लेकिन कुछ साल बाद, उनका डायवोर्स हो गया। वो बेरोजगार थी, उसके साथ, उसकी 6 साल की बच्ची भी थी। ऐसे हालात हो गए, कि उन्हें 2 वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो रही थी। लेकिन उसने हार नहीं मानी। और पार्ट टाइम जॉब करने लगी। कुछ समय बाद, उस लड़की ने एक नोवल लिखा। लेकिन लगभग 15 पब्लिशिंग हाउस ने, उसे पब्लिश करने से मना कर दिया। कई रिजैक्शन मिले, लेकिन अंत में एक एडिटर ने उसका नोवल पब्लिश किया। और लोगों को, वो नोवल इतना पसंद आया, कि वो बेस्ट सेलिंग ऑर्थर बन गई।
उसने बचपन से, परेशानियां देखीं। हर बार रिजेक्शन मिली, लेकिन उसके हर फेलियर ने उसे और मजबूत बना दिया। असफलता, आपको नहीं रोक सकती है। मैंने भी, अपनी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन तुम्हारी दादी हमेशा मुझे याद करवाती थी कि ये परेशानियां मुझसे बड़ी नहीं हैं। अगर हिम्मत हो, तो दुनिया आपकी है। मंजिल को पाने के रास्ते में, अगर किसी चट्टान से टकराते हैं, तो खुद को जख्मी न होने दें। बल्कि उस चट्टान को ही, अपनी नींव बना लें।