वजह चाहे छोटी हो या बड़ी, हमें अक्सर दूसरों पर संदेह होता है। आखिर ऐसा क्यों है? हररोज की तरह, आनंद आज भी, अपने दोस्तों के साथ खेलने के लिए पार्क चला गया। उसके पास सुंदर कंचे थे। उसकी दोस्त, आकृति आज बहुत सारी कैंडी लेकर आई थी। लेकिन उसे कंचे चाहिए थे। आनंद ने कहा- तुम मुझे ये सारी कैंडी दे दो, और बदले में, मैं तुम्हें ये सारे कंचे दे दूंगा। आकृति मान गई। आनंद ने सारे कंचे उसे दे दिए, लेकिन चुपके से सबसे बड़ा और सबसे सुंदर कंचा, उसने अपने पास रख लिया। वादे के अनुसार, आकृति ने आनंद को, अपनी सारी कैंडी दे दीं। वो कंचे पाकर, खुशी-खुशी अपने घर चली गई। और रात को, चैन से सोई।
लेकिन आनंद को नींद नहीं आ रही थी, क्योंकि वो सोच रहा था कि आकृति ने भी, उससे कुछ कैंडी, उसी तरह छिपाई होंगी, जिस तरह उसने अपना सबसे अच्छा कंचा छुपाया था। जब हम, किसी रिश्ते में अपना सौ प्रतिशत नहीं देते हैं, तो हमें हमेशा संदेह रहता है कि दूसरे व्यक्ति ने अपना सौ प्रतिशत दिया है या नहीं।