एक बार, सुबह सैर करते हुए, अपने पापा के साथ, आनंद नजदीक के गांव में पहुंच गया। चारों तरफ खेत, हरे भरे पेड़ और बहती नदी को देखकर, वो बहुत खुश हुआ। अचानक उसके पापा, नदी के पास जाकर रुक गए। आनंद को लगा, कि अब वो दोनों नदी के उतरेंगे और नदी के पार जाएंगे। वो काफी देर इंतजार करता रहा, लेकिन उसके पापा सिर्फ नदी को देखते रहे। उसे समझ नहीं आ रहा था, वो आगे क्यों नहीं बढ़ रहे। कुछ देर बाद उसने पूछ ही लिया- हम नदी में कब उतरेंगे। उसके पापा ने कहा- जब नदी का बहाब बंद हो जाएगा, तब।
ये सुनकर आनंद एकदम से बोला- लेकिन पापा, नदी का बहाब तो कभी बंद नहीं होता। उसके पापा, मुस्कुराए और बोले- यही हमारी जिंदगी है, जो कभी नहीं रुकती, चाहे कोई भी परिस्थिति हो, हमेशा आगे बढ़ती रहती है। अब तुम तय करो कि- तुम्हें, नदी के साथ आगे बढ़ना है, या डर कर और हार मानकर, एक जगह रुके रहना है।