आज हम इंडियन फिल्म इंडस्ट्री की उस शख्सियत के बारे में बात करेंगे, जो ट्रेजडी किंग के नाम से फेमस थे। एक मशहूर एक्टर, जिसने पाकिस्तान के पेशावर से बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखा और यह इसलिए भी खास था, क्योंकि वो पहले ऐसे एक्टर थे, जो पाकिस्तान से बॉलीवुड में आए थे। 1950 से 60 के दशक में अपनी एक्टिंग से Indian film industry में तहलका मचाने वाले मोहम्मद यूसुफ खान एक मल्टीलिंगुअल पर्सन थे, जो Pashto, Hindko, Urdu, Hindi और English के साथ-साथ कई और भाषाएं बोल सकते थे। उन्होंने साल 1947 में Jugnu, 1948 में नदिया के पार, 1949 में अंदाज और साल 1950 में आरजू जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया। आज इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के उस Legend की बर्थ एनिवर्सरी है। जब हम बॉलीवुड की बात कर रहे हैं, तो प्यार-मोहब्बत और रोमांस के बीच कैंडल लाइट की importance की बात करना भी जरूरी है, क्योंकि आज दुनियाभर में कैंडल लाइटिंग डे भी सेलिब्रेट किया जा रहा है। कैंडल, hope, faith, romance, peace, life, comfort और continuation की सिंबल हैं! आज कैंडल लाइट डिनर के जरिए मोमबत्तियां, कभी-कभी रोमांस की सिंबल बन जाती हैं, और एक वो दौर था, जब दूर-दराज गांव में एक अंधेरा घर, जहां रोज दीयासलाई या मोमबत्ती की रोशनी में डिनर से लेकर पढ़ाई तक, हर काम हुआ करता था। आइए इस वीडियो के जरिए एक बार फिर दोबारा उन खास लम्हों से रू-ब-रू होते हैं, जो हम और आपकी तरह कई लोगों ने कैंडल light के साथ बिताए हैं।
कामिनी कौशल को दिलीप साहब का पहला प्यार कहा जाता है, वहीं मधुबाला, वैजयंती माला, अस्मा रहमान और सायरा बानो के साथ उनके अफेयर की खबरें, शायद आपने भी सुनी होंगी। उनकी मैरिड लाइफ की बात की जाए, तो साल 1966 में सायरा बानो के साथ उन्होंने शादी की, जो उम्रभर उनकी जिंदगी की हमसफर रहीं, हालांकि सायरा के साथ शादी के तकरीबन 16 साल बाद, दिलीप ने आस्मा रहमान के शादी की थी, जो लगभग 2 साल चली। साल 1994 में लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए फिल्मफेयर अवार्ड, दादा साहब फाल्के अवॉर्ड और 1998 में Nishan-e-Imtiaz अवॉर्ड मिला, जो पाकिस्तान का highest civilian award है। साल 2000 से 2006 तक दिलीप कुमार, राज्यसभा के सदस्य रहे हैं। 7 जुलाई, 2021 को हिंदी सिनेमा ने अपने इस अनमोल रत्न को खो दिया, लेकिन अपनी हिट बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के साथ जुगनू फिल्म के स्टार दिलीप कुमार, हमेशा दर्शकों के दिलो दिमाग में जगमगाते रहेंगे।
B- जगमगाहट के साथ ऑयल लैंप और कैंडल्स का गहरा रिश्ता है। decorative और ceremonial purposes से लेकर प्रोटेस्ट में कैंडल मार्च तक, रोमांटिक डिनर डेट से लेकर, हमारे रिचुअल्स तक, कई कलरफुल candles हमारी लाइफ को रोशन करती हैं, और कहीं अंधेरे की मजबूरी में कैंडल की लाइट, हमारा इकलौता सहारा भी बनती हैं। हालांकि वर्ल्डवाइड मनाया जा रहा कैंडल लाइटिंग डे, 24-घंटे की एक वर्चुअल ग्लोबल कैंडल लाइटिंग सेरेमनी है, जो उन लोगों के लिए एक compassionate support है, जो अपने बच्चों को खो चुके हैं। Candle lighting bright future, birth, एनर्जी के साथ-साथ, life की uncertainty का भी सिंबल है। अंधेरा हमारे कहने से गायब नहीं होगा, इसलिए रोशनी के लिए हमें लाइट जलानी होगी। दूसरों की लाइफ और उनके रास्तों को रोशन करें, आपके रास्ते खुद ब खुद जगमगाएंगे और आप एक ब्राइट फ्यूचर की ओर बढ़ने लगेंगे। साल 1981 में दिलीप कुमार की क्रांति मूवी आई थी, और द रेवोल्यूशन- देशभक्त हिंदुस्तानी भी नए भारत के विजन के साथ एक क्रांति की और बढ़ रहा है