नमस्कार दोस्तों। आज हम बात करेंगे, भारत में आध्यात्मिक गुरुओं द्वारा शुरू की गई ध्यान यात्रा की। इस वीडियो के जरिए हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि इस यात्रा का लक्ष्य क्या है- ज्यादा से ज्यादा लोगों को स्पिरचुएलिटी और ध्यान से जोड़कर, उन्हें लाइफ का असली मतलब समझाना है या फिर कुछ और। अच्छा आपके विचार से क्या ध्यान यानी मेडिटेशन, से जिंदगी बदल सकती है। इसके अलावा हम, कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की Reality, उसकी जरूरत और चेंज की पॉसिबिलिटीज के बारे में बात करेंगे। अब देखना यह होगा कि एक नई विचारधारा के स्वागत में, कितने भारतीय, भारत को जोड़ने के लिए आगे आते हैं।
बिजी होने की वजह से या फिर कुछ और, लेकिन आज हम लाइफ का सही मतलब ही भूल चुके हैं। सुबह उठना और स्कूल, कॉलेज या जॉब पर जाना, और शाम को लौटना। रोज की यही रूटीन- खाना-पीना, काम और आराम। इस सब के बीच क्या कभी आपने, मेंटल पीस के बारे में सोचा है। दूसरों की पसंद या नापंसद का शायद आपको पता हो, लेकिन क्या आप खुद को जानते हैं और कितना। या वो लोग, जो किसी डर या किसी और कारण से, खुद को हमेशा इग्नोर या अवॉयड करते हैं। इस ध्यान यात्रा का असली मतलब- खुद को जानना है। कुछ लोग इस यात्रा के जरिए हिमालय की खूबसूरती में मेडिटेशन कर रहे हैं, लेकिन अगर आप उस यात्रा का हिस्सा नहीं हैं, तो अपने घर में, या आसमान की नीली चादर के नीचे बैठ कर भी आप, मेडिटेशन कर सकते हैं। फर्क नहीं पड़ता कि यह ध्यान यात्रा, किस गुरु या किस धर्म के लोगों ने शुरू की है, लेकिन Meditation से आप, वो मेंटल और फिजिकल comfort पा सकते हैं, जो आपको emotional happiness, शांति और संतुलन के अलावा overall health को सुधारने में हेल्प करेगी।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के पक्ष या विपक्ष में होना, आपका स्वतंत्र निर्णय है, लेकिन इस यात्रा का मकसद भी - ध्यान और विचार करना है। भारत के हर कोने, हर शख्स तक पहुंचना बहुत चैलेंजिंग है और कुछ वीडियो या क्लिप्स के जरिए हर कोई, देश के उन अछूते हिस्सों या लोगों को देख रहा है, जो विकसित होते भारत में कहीं पीछे छूट गए हैं। आज हम अपने आप में इतने बिजी हैं कि हमारे पास भारत के लिए सोचने का वक्त नहीं है। अगर हमें Poverty, health care, low literacy rate, over population, unemployment, Caste and gender discrimination जैसी तमाम प्रोब्लम से बाहर निकलना है, तो हमें अपने वतन के लिए सोचना होगा, ताकि हम अपनी आने वाली पीढि़यों को सुनहरा भविष्य और एक विकसित व उज्ज्वल भारत दे सकें। धर्म, कम्युनिटी और जातीय बंधनों से आजा़द होकर भारत, अपने हर सिटीजन को जोड़ने में कामयाब होता है, तो सालों पहले देखा गया, अखंड भारत का सपना पूरा हो जाएगा। अपनी इंडिविजुअल लाइफ से बाहर आकर भारत के सोशल, पॉलिटिकल और इक्नॉमिक मुद्दों की तरफ ध्यान देना भी, हर इंडियन की जिम्मेदारी है। ध्यान यात्रा हो या फिर भारत जोड़ो यात्रा, दोनों का उद्देश्य- भारत को जगाना है, देश के हर सिटीजन को अवेयर करना है। अपने तमाम मतभेदों के बावजूद, आइए, द रेवोल्यूशन- देशभक्त हिंदुस्तानी के साथ, अपने देश की भलाई के लिए एकजुट हो जाएं।